अभियान का उद्देश्य-:
ऐसा माहौल बनाना जहाँ हर व्यक्ति बिना डर, भेदभाव और असुरक्षा के साथ जी सके – समानता, सम्मान और सहयोग की भावना के साथ।
➡️ क्या खास है इस अभियान में:-
* पुलिस और आम लोगों के बीच सीधा संवाद और आपसी भरोसा
* गाँव, आदिवासी और पिछड़े इलाकों पर खास ध्यान
* महिलाओं, नौजवानों और सामाजिक संगठनों की अहम भागीदारी
➡️ अभियान के तहत होने वाली गतिविधियाँ:-
गाँवों में चौपाल, शिविर और जन संवाद
लोगों को कानून से जुड़ी जानकारी देना
थाने से नियमित संपर्क और जन-सुनवाई
समाज में फैली बुराइयों के नुक़सान को समझाना
👉 01 अगस्त 2025 को जिन मुद्दों पर बात हुई:-
* दहेज और बाल विवाह जैसे सामाजिक रोग
* नशे की लत, भ्रूण हत्या और इसके गंभीर परिणाम
* बाल मजदूरी, लड़का-लड़की में भेदभाव, घरेलू हिंसा
* बुजुर्गों की उपेक्षा, पारिवारिक झगड़े
शादी-ब्याह में दिखावा, ज़रूरत से ज़्यादा खर्च और शोरगुल
☑️ जहाँ ज़्यादा ध्यान दिया जा रहा है:-
* दूर-दराज़ के आदिवासी और सीमावर्ती गाँव
* वह इलाके जहाँ शिक्षा और सुविधाओं की कमी है
* वो बस्तियाँ जहाँ लोग अब भी जागरूक नहीं हैं
💥 कुछ खास पहलें:-
🔸 “नशा मुक्त समाज” मुहिम
🔸 महिलाओं की सुरक्षा के लिए योजनाएँ:-
नीड, परी, भरोसा, सहारा, आसरा, लैला-मजनू रोकथाम
🔸 गाँव के होनहार युवाओं के लिए:-
“प्रतिभा सम्मान योजना”
🗣️ एसपी श्री मनोहर सिंह मंडलोई का संदेश:-
“जब तक समाज में कुरीतियाँ रहेंगी, तब तक सच्ची तरक्की मुमकिन नहीं। पुलिस और जनता अगर मिलकर चलें, तो हर बुराई को जड़ से मिटाया जा सकता है।”