रक्षाबंधन के पावन पर्व पर टीकमगढ़ के पुलिस अधीक्षक श्री मनोहर सिंह मंडलोई ने मानवता और पुनर्वास की अद्भुत मिसाल पेश करते हुए जिला जेल टीकमगढ़ का भ्रमण किया। इस अवसर पर उन्होंने कैदियों से आत्मीय संवाद स्थापित कर उनके वर्तमान जीवन की परिस्थितियों, आवश्यकताओं एवं समस्याओं को संवेदनशीलता के साथ सुना।
▶️ भ्रमण के दौरान पुलिस अधीक्षक श्री मंडलोई ने जेल अधीक्षक, जेलर, पुलिस बल एवं अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ मिलकर कैदियों के *आवासीय व्यवस्था, भोजन की गुणवत्ता तथा चिकित्सा सुविधाओं* का सूक्ष्म निरीक्षण किया। उन्होंने कैदियों के कल्याण हेतु जेल प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और उन्हें और अधिक मानवीय दृष्टिकोण से संचालित करने का संदेश दिया।
🔹 अपने प्रेरणादायी संबोधन में श्री मंडलोई ने कैदियों को नशे के घातक परिणामों से अवगत कराते हुए कहा कि नशा न केवल व्यक्ति के स्वास्थ्य और मानसिक संतुलन को नष्ट करता है, बल्कि उसे सामाजिक, पारिवारिक और कानूनी पतन की ओर भी धकेल देता है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि नशे से दूर रहना ही आत्मसम्मान, मानसिक शांति और सकारात्मक जीवन की ओर पहला कदम है।
👉 इस अवसर पर उन्होंने सभी कैदियों को नशा त्यागने और जेल से मुक्त होने के पश्चात शांतिपूर्ण, कानूनसम्मत एवं गरिमापूर्ण जीवन जीने की शपथ दिलाई। उन्होंने आशा व्यक्त की कि कैदी समाज में लौटकर न केवल अपने जीवन को नई दिशा देंगे, बल्कि दूसरों के लिए भी प्रेरणा स्रोत बनेंगे।
🔸 भ्रमण के दौरान जेल अधीक्षक श्री युजवल, जेलर श्री शुक्ला, रक्षित निरीक्षक श्री कनक सिंह चौहान, थाना प्रभारी ट्रैफ़िक श्री कैलाश पटेल सहित जिला जेल का बल एवं टीकमगढ़ पुलिस बल पूर्णतः सक्रिय और सहयोगी रूप से उपस्थित रहा।
रक्षाबंधन के इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक का यह मानवीय पहलू न केवल कैदियों के मनोबल को ऊँचा उठाने वाला था, बल्कि यह संदेश भी देता है कि कानून का उद्देश्य दंड देना भर नहीं, बल्कि सुधार और पुनर्वास भी है।