जिले में बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान और सशक्तिकरण को समर्पित पुलिस अधीक्षक श्री मनोहर सिंह मंडलोई के नेतृत्व में चलाया जा रहा “मुस्कान अभियान” समाज में नई ऊर्जा और विश्वास का संचार कर रहा है।

अभियान का मुख्य उद्देश्य न केवल गुमशुदा नाबालिग बालिकाओं का पता लगाना है, बल्कि उन्हें स्वावलंबन, आत्मरक्षा और सुरक्षा के प्रति जागरूक बनाना भी है।

ग्रामीण, पिछड़े और आदिवासी क्षेत्रों को प्राथमिकता देते हुए टीकमगढ़ पुलिस द्वारा वहां जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों में पुलिस अधिकारी और महिला कर्मी ग्रामीण परिवारों, छात्राओं और परिजनों से संवाद कर उन्हें सुरक्षा संबंधी उपायों, हेल्पलाइन नंबरों और आत्मरक्षा तकनीकों की जानकारी दे रहे हैं।

ग्रामीण बेटियों में जागी आत्मरक्षा की भावना

दिनांक 05 नवंबर 2025 को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री विक्रम सिंह कुशवाह एवं एसडीओपी टीकमगढ़ व जतारा के मार्गदर्शन में थाना देहात ,चंदेरा , कुड़ीला और बुढ़ेरा की पुलिस टीमों ने विद्यालयों व सामुदायिक स्थलों पर कार्यक्रम आयोजित किए।

इनमें छात्राओं को सुरक्षा जागरूकता, आत्मरक्षा के व्यावहारिक अभ्यास, शिक्षा और कला में उत्कृष्टता के लिए प्रेरणा प्रदान की गई।
साथ ही बालिकाओं को महिला हेल्पलाइन 1090, चाइल्डलाइन 1098, डायल 100, एवं 112 जैसे आपात नंबरों की जानकारी भी दी गई।

थाना प्रभारियों ने छात्राओं और अभिभावकों को अपने निजी मोबाइल नंबर भी साझा किए, ताकि किसी भी आपात स्थिति में सीधे पुलिस सहायता प्राप्त की जा सके।

बालिकाओं को यह भी संदेश दिया गया कि वे बिना परिजनों की अनुमति के कहीं न जाएं, और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।
“हर बेटी निडर हो — यही असली विकास” : एसपी मंडलोई

पुलिस अधीक्षक श्री मनोहर सिंह मंडलोई ने कहा —

> “हमारा लक्ष्य है कि टीकमगढ़ की हर बेटी निडर होकर आगे बढ़े। पुलिस केवल सुरक्षा की संस्था नहीं, बल्कि बेटियों की साथी और संरक्षक है। जब बेटियां सुरक्षित होंगी, तभी समाज सशक्त बनेगा।”

‘मुस्कान अभियान’ से बदलता सामाजिक दृष्टिकोण

‘मुस्कान अभियान’ के जरिए टीकमगढ़ पुलिस न सिर्फ गुमशुदा बालिकाओं को उनके परिवारों तक पहुँचा रही है, बल्कि सुरक्षा, आत्मविश्वास और समानता का संदेश भी समाज में फैला रही है।

यह पहल बालिकाओं के लिए सुरक्षा की ढाल और प्रोत्साहन का मंच बन चुकी है —
क्योंकि जब बेटियाँ मुस्कुराएँगी, तभी समाज सुरक्षित और प्रगतिशील बनेगा।

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